श्री हनुमान चालीसा | Shree Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi जाने अर्थ, फायदे और पाठ करने की सही विधि

Hanuman Chalisa

नमस्कार मित्रों, आज के इस लेख में हम लेकर आए हैं आपके लिए हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का गहराई से विश्लेषण – एक ऐसा दिव्य पाठ जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानसिक शांति, आत्मबल और ऊर्जा का भी मजबूत स्रोत है।

हनुमान चालीसा क्या है?
हनुमान चालीसा केवल 40 दोहों का एक भजन नहीं, बल्कि एक दिव्य शक्ति है। इसे गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा था और यह करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। यह पाठ संकट के समय में हिम्मत देता है, नकारात्मकता को दूर करता है और आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भरता है।

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में क्यों ज़रूरी है हनुमान चालीसा?
जहां हर कोई तनाव, डर और मानसिक अस्थिरता से जूझ रहा है, वहीं हनुमान चालीसा का नियमित पाठ मन को स्थिरता, आत्मविश्वास और सुरक्षा की अनुभूति कराता है। सुबह हो या रात, जब भी इसका पाठ किया जाए, यह मन को सुकून और शक्ति प्रदान करता है।

इस लेख में आप जानेंगे:

  • हनुमान चालीसा का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व
  • संपूर्ण हनुमान चालीसा
  • प्रत्येक दोहे का सरल और गूढ़ अर्थ
  • हनुमान चालीसा पढ़ने के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक लाभ

क्या आप जीवन में आत्मबल, साहस और सुरक्षा की तलाश में हैं?
तो यह लेख आपके लिए एक आध्यात्मिक खजाने से कम नहीं। चाहे आप नियमित पाठ करते हों या अभी शुरुआत कर रहे हों, यह जानकारी आपकी आध्यात्मिक यात्रा को एक नई दिशा देगी।

अब और इंतज़ार नहीं! नीचे दिए गए सेक्शन में पढ़ें संपूर्ण हनुमान चालीसा और जानें इसके पीछे छिपे चमत्कारी रहस्य।

Hanuman Chalisa Lyrics

दोहा:

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस विकार॥

चौपाई:

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥

राम दूत अतुलित बलधामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुण्डल कुंचित केसा॥

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
काँधे मूँज जनेऊ साजै॥

शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग वंदन॥

विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे।
रामचंद्र के काज सँवारे॥

लाय सजीवन लखन जियाए।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाए॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कवि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥

तुम्हरो मन्त्र विभीषन माना।
लंकेश्वर भए सब जग जाना॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं॥

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना॥

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हाँक तें काँपै॥

भूत पिशाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै॥

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥

संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥

सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा॥

और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै॥

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा॥

साधु सन्त के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता॥

राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥

तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै॥

अंत काल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई॥

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई॥

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥

जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥

जो शत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा॥

दोहा:

पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥

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Hanuman Chalisa का इतिहास और धार्मिक महत्व: जानिए इसकी रचना, रहस्य और शक्ति

हनुमान चालीसा एक अत्यंत लोकप्रिय हिन्दू भक्ति स्तोत्र है, जिसकी रचना 16वीं शताब्दी में महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी। यह चालीसा न केवल एक भजन है, बल्कि आस्था, साहस और अध्यात्म का जीवंत प्रतीक है।

📜 हनुमान चालीसा की रचना से जुड़ी जानकारी

  • लेखक: गोस्वामी तुलसीदास (1532–1623)
  • भाषा: अवधी (हिन्दी की एक प्रमुख बोली)
  • रचना स्थान: वाराणसी या चित्रकूट (ऐतिहासिक मतभेद हैं)
  • समय: 16वीं शताब्दी, मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान

✨ रचना का उद्देश्य और महत्व

  1. सार्वजनिक भक्ति का माध्यम:
    तुलसीदास जी ने यह चालीसा इसलिए लिखी ताकि आम जनमानस भी सरल भाषा में भगवान हनुमान की स्तुति कर सकें।

  2. आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति:
    मान्यता है कि इसका नियमित पाठ मानसिक तनाव, भय, नकारात्मक ऊर्जा और जीवन की बाधाओं को दूर करता है।

  3. आस्था और श्रद्धा का प्रतीक:
    यह आज भी भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के करोड़ों भक्तों द्वारा रोज़ पढ़ी जाती है — विशेष रूप से सुबह या किसी संकट की घड़ी में।

🕉️ कुछ ऐतिहासिक और रोचक तथ्य

  • यह कहा जाता है कि तुलसीदास जी को हनुमान जी के साक्षात दर्शन हुए थे, और उसी दिव्य प्रेरणा से उन्होंने यह चालीसा लिखी।
  • एक जनश्रुति के अनुसार, जब तुलसीदास जी को मुगलों ने कारावास में डाल दिया था, तब उन्होंने जेल में हनुमान चालीसा का पाठ किया और चमत्कारिक रूप से मुक्त हुए।

📖 हनुमान चालीसा की संरचना

  • प्रारंभ: दो दोहे (मंगलाचरण और आह्वाहन)
  • मुख्य भाग: 40 चौपाइयाँ (हनुमान जी के गुण, पराक्रम और भक्ति पर आधारित)
  • समापन: दो दोहे (प्रार्थना और समर्पण भाव)

Benefits of Hanuman Chalisa (हनुमान चालीसा पढ़ने के लाभ: स्वास्थ्य, मनोबल और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से)

Shree Hanuman Chalisa

हनुमान चालीसा सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी जीवन शक्ति है जो आपको मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाती है। इसका नियमित पाठ न केवल नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, बल्कि जीवन में नई सकारात्मकता और आत्मविश्वास भी लाता है।

यहां जानिए हनुमान चालीसा पढ़ने के प्रमुख लाभ जो जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकते हैं:

1. नकारात्मक शक्तियों और बुरे सपनों से बचाव
हनुमान चालीसा का पाठ करने से घर और मन दोनों की शुद्धि होती है। यह नकारात्मक ऊर्जा, भूत-प्रेत और बुरे प्रभावों को दूर रखता है।

2. मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति
इसके श्लोकों की ध्वनि और ऊर्जा मानसिक शांति प्रदान करती है। नियमित पाठ करने से चिंता और तनाव काफी हद तक कम हो जाता है।

3. आत्मविश्वास और आत्मसम्मान में वृद्धि
हनुमान जी की पूजा करने से साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है। यह विद्यार्थियों और कामकाजी लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।

4. दुर्भाग्य और बाधाओं का निवारण
अगर जीवन में बार-बार बाधाएं आ रही हैं, तो हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि दोष, ग्रह दोष और बाधाएं दूर होती हैं।

5. ध्यान और एकाग्रता में सुधार
इसका लयबद्ध पाठ मन को एकाग्र करता है, जिससे ध्यान और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।

6. हृदय और रक्तचाप पर सकारात्मक प्रभाव
शोध से पता चलता है कि धार्मिक पाठ से शरीर में सकारात्मक कंपन पैदा होता है, जिससे रक्तचाप नियंत्रण में रहता है।

7. अच्छी नींद और भय से मुक्ति
रात में हनुमान चालीसा का पाठ करने से अच्छी नींद आती है और भय या बुरे सपनों से मुक्ति मिलती है।

8. पढ़ाई और करियर में सफलता
यह चालीसा विद्यार्थियों के लिए वरदान है। यह पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ाने और परीक्षा में सफलता पाने में मदद करती है।

9. घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह
हर सुबह या शाम हनुमान चालीसा का पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और अशांति दूर होती है।

10. क्रोध और नकारात्मक सोच में कमी
नियमित पाठ से क्रोध पर नियंत्रण होता है और सोच सकारात्मक बनती है।

11. हनुमान जी का आशीर्वाद मिलता है
आखिरकार, यह सबसे बड़ा लाभ है। भगवान हनुमान का आशीर्वाद जीवन में सुरक्षा, समृद्धि और सफलता लाता है।

हनुमान चालीसा का पाठ कब, कैसे और कितनी बार करना चाहिए? (Hanuman Chalisa Paath Vidhi in Hindi)

Hanuman Chalisa Image

हनुमान चालीसा का पाठ अगर सही समय, विधि और भावना से किया जाए, तो यह अत्यंत शुभ फलदायी होता है। यह न केवल मानसिक शांति देता है बल्कि जीवन के संकटों से भी रक्षा करता है। आइए जानें कि इसे कब, कैसे और कितनी बार पढ़ना चाहिए:

1. हनुमान चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?

✅ सर्वोत्तम दिन:

मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।

✅ दैनिक पाठ:

जो व्यक्ति प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसे जीवन में भय, बाधाओं और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है।

✅ समय:

इसका पाठ सुबह ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) या शाम को सूर्यास्त के बाद करना सर्वोत्तम माना जाता है।

2. हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें? (सही विधि)

✅ पाठ से पहले तैयारी:

स्नान करके साफ कपड़े पहनें।

हनुमान जी की मूर्ति/तस्वीर के सामने दीपक जलाएं और चंदन या सिंदूर चढ़ाएं।

✅ स्थान:

शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर भक्ति भाव से पाठ करें।

✅ दिशा:

पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है।

✅ भावना:

श्रद्धा, भक्ति और एकाग्रता सबसे महत्वपूर्ण हैं – यही पाठ को प्रभावी बनाता है।

3. हनुमान चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

✅ 1 बार – सामान्य पाठ, मन की शांति के लिए।

✅ 3 बार – किसी छोटी समस्या से मुक्ति के लिए।

✅ 7 बार – मानसिक तनाव या विशेष बाधा से मुक्ति के लिए।

✅ 11 बार – गंभीर समस्या, ग्रह दोष या शत्रु बाधा के निवारण के लिए।

✅ 108 बार (अखंड पाठ) – अत्यंत शुभ परिणामों के लिए, विशेष रूप से हनुमान जयंती, जन्मदिन या संकल्प के अवसर पर किया जाता है।

📝 नोट: आपकी आस्था और नियमितता संख्या से अधिक महत्वपूर्ण है। यदि आप प्रतिदिन एक बार भी ध्यानपूर्वक इसका पाठ करते हैं, तो आपको हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।

हनुमान चालीसा में छिपे रहस्य और वैज्ञानिक तथ्य (Scientific Secrets of Hanuman Chalisa)

Shree Hanuman

हनुमान चालीसा न केवल एक धार्मिक भजन है, बल्कि इसके पीछे कई गूढ़ रहस्य और अद्भुत वैज्ञानिक तथ्य भी छिपे हैं। आधुनिक वैज्ञानिक शोध और वैदिक गणना पद्धति के अनुसार, इसके कई श्लोकों में ऐसी जानकारियां छिपी हैं जो विज्ञान को भी हैरान कर देती हैं।

1. “युग सहस्र योजन पर भानु” – दूरी का सटीक वैज्ञानिक वर्णन

चौपाई: “युग सहस्र योजन पर भानु, लील्यो ताहि मधुर फल जानू”

यहाँ तुलसीदास जी ने पृथ्वी से सूर्य की दूरी बताई है।

अनुवाद:

1 युग = 12,000 वर्ष,

1 सहस्र = 1,000,

1 योजन = ~8 मील

⇒ 12,000 × 1,000 × 8 = 96,000,000 मील

NASA के अनुसार, सूर्य की औसत दूरी लगभग 93,000,000 मील है।

✅ यह अंतर मात्र 3% है!

👉 इससे पता चलता है कि तुलसीदास जी को खगोलीय ज्ञान था या उन्होंने प्राचीन ऋषियों की गणना का उपयोग किया था।

2. हनुमान चालीसा की ध्वनि आवृत्ति और उपचार शक्ति
हनुमान चालीसा के श्लोकों की ध्वनि तरंगें मन, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं।

यह पाठ बीटा तरंगों को धीमा कर देता है और मस्तिष्क को अल्फा तरंगों की स्थिति में ले जाता है – जो ध्यान और मानसिक शांति के लिए अच्छा है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, मंत्रों का जाप और ध्वनि दोहराव dopamine और serotonin जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को सक्रिय करता है – जो तनाव और चिंता को कम करता है।

3. मंत्रों के जाप से शरीर में ऊर्जा उत्पन्न होती है (Mantra Vibrations)
जब हम हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, तो उच्चारण से उत्पन्न ध्वनि कंपन हमारे शरीर के 7 चक्रों (ऊर्जा केंद्रों) को सक्रिय करते हैं।
यह प्रक्रिया immunity और mental focus को बढ़ाने में मदद करती है।

4. मनोवैज्ञानिक रहस्य – आत्मविश्वास और साहस का विकास
हनुमान चालीसा में हनुमान जी की वीरता, बुद्धि, भक्ति और सेवा का वर्णन है।
नियमित पाठ से व्यक्ति में साहस, आत्मविश्वास और डर से लड़ने की शक्ति विकसित होती है – जिसे मनोविज्ञान में सकारात्मक आत्मसुझाव कहा जाता है।

5. दोहराव की शक्ति (Power of Repetition)
हनुमान चालीसा का जाप करने से तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है। इस विधि का उपयोग हज़ारों सालों से ध्यान, मंत्र और जप में किया जाता रहा है।

विदेशों में हनुमान चालीसा का महत्व (NRIs के बीच लोकप्रियता)

हनुमान चालीसा सिर्फ़ भारत तक सीमित नहीं है – आज यह एक वैश्विक आध्यात्मिक प्रतीक बन चुका है। भारतीय मूल के लोग (NRIs) न सिर्फ़ धार्मिक भावनाओं को जीवित रखने के लिए बल्कि मानसिक शांति, ऊर्जा और सकारात्मकता के लिए भी इसका पाठ करते हैं।

1. तनाव भरे जीवन में शांति का साधन

विदेशों में रहने वाले भारतीय अक्सर तेज़-रफ्तार और प्रतिस्पर्धात्मक जीवन जीते हैं। ऐसे में हनुमान चालीसा एक mental detox की तरह काम करती है। इसका पाठ उन्हें inner peace और भावनात्मक स्थिरता देता है।

2. मंदिरों और सामूहिक पाठ का आयोजन

अमेरिका, कनाडा, यूके, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया और फिजी जैसे देशों में बसे हिंदू समुदाय हर मंगलवार और शनिवार को सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं।

  • उदाहरण:
  • Sankat Mochan Temple (California, USA)
  • Shri Hanuman Mandir (Leicester, UK)
    इन मंदिरों में विशेष Hanuman Chalisa Paath Events होते हैं।

3. डिजिटल माध्यम से हनुमान चालीसा की पहुँच

आज YouTube, Spotify और devotional apps के ज़रिए लाखों लोग विदेशों में बैठकर हनुमान चालीसा सुनते और पढ़ते हैं।

  • YouTube पर हनुमान चालीसा के कई वीडियो पर करोड़ों व्यूज़ हैं — जिनका बड़ा हिस्सा विदेशों से आता है।
  • Sanskrit + English Transliteration वाली चालीसा NRIs के बीच बहुत लोकप्रिय है।

4. नई पीढ़ी में धर्म-संस्कार बनाए रखने का माध्यम

प्रवासी भारतीय अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता से जोड़ने के लिए हनुमान चालीसा का उपयोग करते हैं।

  • इससे बच्चों में आत्मविश्वास, नैतिक मूल्य और भक्ति भाव का विकास होता है।
  • कई स्कूलों और क्लबों में बच्चों को हनुमान चालीसा पढ़ना सिखाया जाता है।

5. वैज्ञानिक सोच और आध्यात्मिकता का संगम

विदेशों में रहने वाले शिक्षित NRIs हनुमान चालीसा को सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि scientifically backed stress-relief technique के रूप में भी अपनाते हैं।

उदाहरण: अमेरिका के कुछ Meditation Centers में हनुमान चालीसा का उपयोग “mantra healing” के रूप में किया जाता है।

Hanuman Chalisa in English – Translation and Meaning

Doha (Invocation)
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥

Translation in English:
With the dust of the lotus feet of my Guru, I cleanse the mirror of my mind.
I narrate the pure glory of Lord Rama, which bestows the four fruits of life (Dharma, Artha, Kama, Moksha).

Meaning:
I begin by offering respect to my Guru and purifying my mind to sing the praises of Lord Rama, which fulfill all aspects of life.

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस विकार॥

Translation in English:
Knowing my intellect to be weak, I remember the son of the Wind God.
Grant me strength, wisdom, and knowledge, and remove my sorrows and impurities.

Meaning:
I humbly pray to Hanuman to bless me with strength and wisdom, and to help overcome suffering and ignorance.

Chaupais (40 Verses)
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥
Victory to Hanuman, ocean of knowledge and virtue.
Victory to the monkey king, famous across the three worlds.

रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥
Messenger of Rama, unmatched in strength.
Son of Anjani and known as the son of Wind.

महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥
Great hero, mighty as a thunderbolt.
Dispel bad thoughts and companion of the wise.

कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा॥
Golden complexion dressed gracefully.
Wearing earrings, with curly hair.

हाथ वज्र और ध्वजा बिराजे।
काँधे मूँज जनेऊ साजे॥
Holding thunderbolt and flag in hand.
Sacred thread (Janeu) adorns your shoulder.

शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग वंदन॥
Son of Lord Shiva and Kesari.
Your radiance and glory are worshiped worldwide.

विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर॥
Wise, virtuous, and extremely intelligent.
Always eager to serve Lord Rama.

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया॥
Delights in hearing Lord Rama’s stories.
You dwell in the hearts of Rama, Lakshmana, and Sita.

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥
Took a small form to meet Sita.
Took a fierce form to burn Lanka.

भीम रूप धरि असुर सँहारे।
रामचंद्र के काज सँवारे॥
Took a terrifying form to destroy demons.
You accomplished all tasks for Lord Rama.

लाय सजीवन लखन जियाए।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाए॥
Brought the Sanjeevani herb to revive Lakshmana.
Lord Rama embraced you with joy.

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥
Lord Rama praised you highly.
He said, “You are as dear to me as my brother Bharata.”

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥
A thousand mouths sing your glory.
So said Lord Vishnu as he embraced you.

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा॥
Sages like Sanaka and Brahma,
Narada, Saraswati, and the serpent king (Shesha) praise you.

यम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥
Yama, Kubera, and the guardians of directions –
Even poets and scholars cannot fully describe you.

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राजपद दीन्हा॥
You helped Sugriva by introducing him to Rama.
He regained his kingdom because of you.

तुम्हरो मंत्र विभीषन माना।
लंकेश्वर भए सब जग जाना॥
Vibhishana followed your advice.
He became king of Lanka, known to all.

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥
The sun is thousands of miles away,
Yet you swallowed it, thinking it a sweet fruit.

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गए अचरज नाहीं॥
You kept Lord Rama’s ring in your mouth,
Leaped across the ocean – it was no surprise.

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥
All difficult tasks in the world
Become easy with your grace.

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥
You are the guardian at Lord Rama’s gate.
No one can enter without your permission.

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना॥
All joys come to those who take refuge in you.
With you as protector, there is no fear.

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हाँक तें काँपै॥
You alone can restrain your immense power.
The three worlds tremble at your roar.

भूत पिशाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै॥
Ghosts and evil spirits stay far away
When your mighty name is chanted.

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥
Diseases and suffering are destroyed
By constant chanting of your name, O brave Hanuman.

संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥
Hanuman frees one from difficulties
If one remembers him in mind, action, and words.

सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा॥
Lord Rama is the supreme ascetic king,
And you carry out all his tasks.

और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै॥
Whoever brings their desires to you,
Gains immeasurable rewards in life.

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा॥
Your glory is spread across all four ages.
Your fame shines brightly in the world.

साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे॥
You are the protector of saints and sages,
Destroyer of demons, beloved of Rama.

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता॥
You are the giver of eight siddhis and nine treasures,
A boon granted to you by Mother Sita.

राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥
You possess the elixir of devotion to Rama.
You are forever a devoted servant of Lord Rama.

तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै॥
Through your worship, one finds Lord Rama
And forgets the sorrows of many lifetimes.

अंतकाल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई॥
At life’s end, one goes to Rama’s abode
And is born again as a true devotee.

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई॥
No other deity needs to be worshipped.
Serving Hanuman brings all happiness.

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥
All troubles vanish and pains dissolve
For those who remember mighty Hanuman.

जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥
Victory, victory, victory to you, Lord Hanuman!
Bless me like a true spiritual teacher would.

जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई॥

Whoever recites this a hundred times,
Is freed from bondage and attains great joy.

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥
Whoever reads this Hanuman Chalisa
Attains success — Lord Shiva is witness.

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा॥
Tulsidas is always a devotee of Hari.
O Lord, may you reside in my heart forever.

Final Doha (Conclusion)
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥

Translation:
O Son of Wind, remover of troubles, embodiment of auspiciousness,
Dwell in my heart along with Rama, Lakshmana, and Sita, O divine Lord.

Meaning:
I pray that Hanuman, along with Lord Rama, Lakshmana, and Sita, always lives in my heart and removes all obstacles.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

हां, रोज़ पढ़ने से मन को शांति और शक्ति मिलती है।

सुबह ब्रह्म मुहूर्त या शाम के समय पढ़ना सर्वोत्तम होता है।

हां, किसी भी आयु के व्यक्ति इसका पाठ कर सकते हैं।

हनुमान चालीसा सिर्फ एक धार्मिक पाठ नहीं है — यह शक्ति, भक्ति और सकारात्मकता का स्रोत है। जब आप इसका रोज़ पाठ करते हैं, तो आप खुद महसूस करेंगे कि आपके जीवन में कितनी शांति और ऊर्जा भर रही है।

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“संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमिरे हनुमत बलबीरा!”

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